
चोपडा (अनिलकुमार पालीवाल)
फोटोग्राफी क्षेत्र में हुए बदलाव उल्लेखनीय हैं। इन बदलावों का अनुभव करते समय यह देखकर अत्यंत आनंद हो रहा है कि तालुका में इतने सारे फोटोग्राफर भाई इस व्यवसाय से जुड़े हैं। ऐसा प्रतिपादन ख्यातनाम शल्य चिकित्सक डॉक्टर विकासकाका हरतालकर ने यहाँ किया।
विश्व फोटोग्राफी दिवस के उपलक्ष्य में शहर के नारायणवाड़ी क्षेत्र स्थित वरिष्ठ नागरिक संघ के सभागृहमें चोपडा तालुका फोटोग्राफर असोसिएशनकी तरफसे दि. 19 ऑगस्ट दोपहर 12 बजे आयोजित कार्यक्रममें अध्यक्ष पदसे बोलते हुए वे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पहले शहर में केवल दो-तीन फोटोग्राफर ही इस व्यवसाय में थे। कवि कुमार द्वारा खींची गई तस्वीर पुरस्कार के लिए चयनित हुई थी। लेकिन आजकल प्रायः केवल दुर्घटनाओं के फोटो ही खींचे जाते हैं, जबकि दुर्घटनाग्रस्तों की मदद करने का काम बहुत कम लोग करते हैं। इस विषय पर उन्होंने अपनी भावनाएँ प्रकट कीं।
कार्यक्रम में तहसीलदार भाऊसाहेब थोरात, शहर पुलिस स्टेशनके पी.आई. मधुकर साळवे, चोपड़ा नगर पालिका के गटनेता जीवनभाऊ चौधरी, उद्योजक विश्वनाथ अग्रवाल, शेतकी संघके अध्यक्ष सुनील डोंगर पाटील, दिवंगत सैनिक की पत्नी श्रीमती शामल चौधरी, सूतगिरनी के पूर्व संचालक तुकाराम बापू पाटील, शेतकी संघ के संचालक प्रल्हाद पाटील व अन्य मान्यवर मंच पर उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत और दीप प्रज्वलन से हुई। शहर के दिवंगत फोटोग्राफरों को सभा में योगेश बैरागी, भागवत पाटील और प्रशांत चौधरी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उपस्थित मान्यवरों का स्वागत सुशांक डिजिटल के संचालक छोटू वारडे, राजेंद्र पाटील, अजहर तेली, जावेद भाई शेख, प्रमोद पाटील, योगेश राजपूत, विनोद जाधव आदि ने किया।
इस अवसरपर प्रस्तावना कवि, लेखक एवं साहित्यकार रमेश जे. पाटीलने प्रस्तुत की और फोटोग्राफी व्यवसायका अपना अनुभव साझा किया।
तहसीलदार भाऊसाहेब थोरातने अपने भाषण में कहा की, आजकल फोटोग्राफी का नाम आते ही वर–वधू पक्ष की चिंता बढ़ जाती है, लेकिन विवाह समारोह फोटोग्राफर के बिना संभव ही नहीं है। इस दिन का महत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत बड़ा है।
कार्यक्रम में वीर पत्नी श्रीमती शामल चौधरी का डॉक्टर हरतालकर व तहसीलदार थोरात ने सम्मान किया। पूजा रविंद्र पावरा नामक छात्रा को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन प्राध्यापक संदीप पाटील ने किया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए बापू महाजन, पप्पू बडगुजर, नाना सोनगिरे, प्रकाश पाटील, उमेश पाटील, विनोद मोरे, हेमकांत देवरे, राजेश भाई पाटील, प्रशांत चांदे, आशीष पाटील, सुरेश चौधरी, शाकीर शेख, ऋषिकेश पाटील, प्रदीप कोली, मुजमिल शेख, भरत राजपूत, जावेद शेख, लीलाधर पाटील आदि ने परिश्रम किया।